What is Digital Detox: हमारे मेंटल हैल्थ के लिए क्यों और कैसे जरूरी हो गया है डिजिटल डिटॉक्स, आइए जाने।

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What is Digital Detox: आजकल के समय मे अधिकतर लोग टेक्निकल की दुनिया मे पागल बन गए है, सुबह से लेकर शाम तक मोबाइल, लैपटॉप, टेलीविजन की दुनिया मे ऐसे फसे है, जैसे किसी नशे की चीज की लत लग गई हो, सुबह उठते के साथ मोबाइल और रात को सोने तक मोबाइल लगभग सभी लोग के पास होता है, यूट्यूब, फेसबुक इंस्टाग्राम, जैसे एप मे इतना खो जाते है की उनको पता भी नहीं चलता की इससे उनके मेंटल हेल्थ पर कितना खराब असर पर रहा है, बच्चे, हो या बड़े हर कोई टेक्निकल की दुनिया मे पागल हो गए है|

what is Digital Detox

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अवलोकन

डिजिटल डिटॉक्स क्या है ?

डिजिटल डिटॉक्स क्यू शुरू करना चाहिए ?

क्या डिटॉक्स का मतलब केवल तकनीक है ?

डिजिटल डिटॉक्स के क्या लाभ है ?

डिजिटल डिटॉक्स से हमारे स्वास्थ्य लाभ कैसे है ?

डिजिटल डिटॉक्स को कैसे शुरू कर सकते है ?

What is Digital Detox

(1).  डिजिटल डिटॉक्स क्या है –

What is Digital Detox: टेक्निकल डिवाइस जैसे मोबाइल, लैपटॉप, टेलीविजन, ये सब जितना हमारे जीवन मे फायदेमंद है, उतना इनके अत्यधिक उपयोग करने से नुकसान भी बहुत है। डिटॉक्स एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमे आप अपने जीवन से डिजिटल उपकरण या टेक्नोलॉजी को हटाकर या सीमित समय कर के अपने मेंटल स्वास्थ्य को हमेशा स्वस्थ्य रख सकते है, अपने वास्तविक दुनिया पर सीमित प्रतिबंध लगाकर अपने को स्वस्थ रखते है।

(2). डिजिटल डिटॉक्स क्यों शुरू करना चाहिए – 

आजकल इंटरनेट पर दिनभर मौजूदगी के कई नुकसान हो रहे है, हर समय टेक्नोलॉजी का उपयोग लोगो के स्वास्थ पर काफी बुरा असर कर रहा है। ऐसे में फोन से ब्रेक लेना बहुत जरूरी हो गया है। इससे हमारे स्वास्थ को बहुत फायदे हो सकते है।

मेंटल हेल्थ के लिए फायदेमंद –

डिजिटल डिटॉक्स हमारे मेंटल हेल्थ के लिए बहुत जरूरी हो गया है, डिजिटल डिटॉक्स से हम टेक्नोलॉजी के लिए लिमिट समय निर्धारित करते है, और फोन के आदि बनने से बच जाते है, जो हमारे मेंटल हेल्थ को मजबूत बनाता है। देर रात तक मोबाइल के स्क्रीन को देखते रहने से हमे आंखो की बीमारी से समस्या हो सकती है, और देर रात तक जगे रहने के कारण हमारे शरीर में बहुत सी समस्या और रोग उत्पन्न हो सकती है, लेकिन डिजिटल डिटॉक्स हमे इन सभी से छुटकारा दिला सकता है।

बॉडी में एनर्जी आती है – 

आजकल के टेक्नोलॉजी वाले दुनिया में हमलोग परिवार, दोस्त, यह तक खुद से भी ज्यादा जरूरी फोन को रखते है, और उसी में ज्यादा समय बर्बाद करते है, इसके कारण हम बाहरी प्राकृतिक दुनिया को त्याग देते है और बनावटी टेक्नोलॉजी दुनिया में घुसे रहते है, जिसका सीधा बुरा असर हमारे स्वास्थ पर परता है, जिसके कारण हमलोग खुद को कमजोर और आलस्य से भरे हुए हमेशा महसूस करते है, इसलिए डिजीटल डिटॉक्स हमे टेक्नोलॉजी दुनिया से दूर करने या कम करने में मदद करती है, और हमलोग जितना डिवाइस से दूर रहेंगे उतना ही खुद को चुस्त दुरुस्त पाएंगे, हमारे बॉडी में एनर्जी बनी रहेंगी।

दूसरे काम में ध्यान बढ़ाने में मदद –

फोन ऐसे चीज है, जो एक बार पकड़ने से छोड़ने को मन नहीं करता,  सोशल मीडिया में घुसते चले जाते और समय बर्बाद करते, हमे पता भी नही चलता, टेक्नोलॉजी के कारण एक ही घर में रहते हुए भी हम अपने परिवार से दूर हो जाते, क्युकी समय नहीं दे पाते, ऐसे ही बहुत सी समस्या को दूर करने के लिए डिजिटल डिटॉक्स टेक्नोलॉजी की दुनिया से दूरी बनाने में मदद करता है, जिससे हमारे पास समय भी बच जाते दूसरे काम के लिए, हमारे पढ़ाई में भी फोकस जाता, हम अपने रिश्तेदारों पर भी ध्यान दे पाते है।

(3). क्या डिटॉक्स का मतलब केवल तकनीक है ? 

नही, डिटॉक्स का मतलब केवल तकनीक नही है, डिटॉक्स का मतलब है, जो चीज हानिकारक हो जो मुझे हानि पहुंचाता हो उससे दूर रखना या सीमित रखना, जिससे आप शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को ठीक कर सकते है, डिटॉक्स का मतलब केवल तकनीक नही है, बल्कि एक व्यापक प्रक्रिया है, जो हानिकारक चीजों से दूर रखने में मदद करता है।

(4). डिजिटल डिटॉक्स से हमे क्या लाभ होता है ?

डिजिटल डिटॉक्स से हम खुद को सुरक्षित रख सकते है, मानसिक बीमारियों से होने वाले खतरे से। इससे हमारे पास और भी दूसरे काम को करने का समय बच सकता है, हम अपने रिश्तेदारों को अहमियत दे सकते हैं, जितना टेक्नोलॉजी की दुनिया से दूर रहेंगे, बस काम से काम मतलब रखेंगे, चाहे फोन हो या लैपटॉप इससे बस सीमित समय के लिए ही उपयोग करेंगे ताकि हमारे पास कुछ नया करने को समय मिल सके। फोन का आदत आजकल हर कोई को एक नशा के लत के समान लगा है। इससे जितना हो सके दूर रहे या फिर सीमित समय निर्धारित कर ले।

(5). डिजिटल डिटॉक्स से हमारे स्वास्थ्य को कैसे लाभ होता है – 

Digital Detox: डिजिटल डिटॉक्स से हम खुद को स्वस्थ रख सकते है,  आजकल लोग फोन को अपने जीवन का सबसे जरूरी हिस्सा बना लिया है, उठते – बैठते, खाते -पीते हर समय फोन पास में रखना जरूरी हो गया है, और एक नजर से तक लगाकर फोन को देखते जाते, जिससे इसका सीधा असर उसके स्वास्थ और आंखों पर परता है, फोन में ज्यादा घुसे रहने से हमारा मेंटल हेल्थ खराब होता, हम कोई काम हो या पढ़ाई लिखाई किसी चीज पर फोकस नही कर पाते, और मेंटल हेल्थ खराब होने के कारण हम डिप्रेशन में चले जाते , कुछ भी सोचने समझने की शक्ति खो देते, जल्दी याद नहीं होता कुछ भी, हमेशा दिमाग में गुस्सा और चिरचिरापन आते रहता। इसलिए अगर हमलोग डिजिटल डिटॉक्स का उपयोग करते है, तो हमलोग टेक्नोलॉजी की दुनिया से दूर रहेंगे, या फिर सीमित समय के लिए उपयोग करते है।

(6). डिजिटल डिटॉक्स को कैसे शुरू कर सकते है ?

डिजिटल डिटॉक्स शुरू करने से पहले हमें धैर्य और विश्वास के साथ हमे डिजिटल डिटॉक्स शुरू करना चाहिए, सबसे पहले हमे निर्धारित करना चाहिए कि आप क्या हासिल करना चाहते हैं, अपने डिजिटल डिटॉक्स के उद्देश्यों को स्पष्ट रूप से परिभाषित करें, जैसे कि अपने मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करना या अपने परिवार के साथ अधिक समय बिताना। अपने डिजिटल उपयोग को ट्रैक करें, एक सप्ताह के लिए अपने डिजिटल उपयोग को ट्रैक करें ताकि आप देख सकें कि आप कितना समय डिजिटल उपकरणों पर बिताते हैं। अपने डिजिटल डिटॉक्स के लिए एक योजना बनाएं, जिसमें आप अपने डिजिटल उपयोग को कम करने के लिए क्या कदम उठाएंगे। शुरुआत में अपने डिजिटल उपयोग को थोड़ा कम करें और धीरे-धीरे अपने लक्ष्य तक पहुंचें। अपने डिजिटल उपकरणों का उपयोग सीमित करें, जैसे कि अपने फोन को रात में बंद करना या अपने कंप्यूटर का उपयोग केवल काम के लिए करना। अपने डिजिटल उपयोग के स्थान पर वैकल्पिक गतिविधियों को खोजें, जैसे कि पुस्तकें पढ़ना, व्यायाम करना या सामाजिक गतिविधियों में भाग लेना, अपने परिवार और दोस्तों को अपने डिजिटल डिटॉक्स में शामिल करें ताकि आप एक दूसरे का समर्थन कर सकें। डिजिटल डिटॉक्स एक प्रक्रिया है और इसमें समय लगता है। धैर्य रखें और अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करें।

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आजकल फोन के कारण कितना रिश्ता खराब हो रहा, और अपना मेंटली हेल्थ को भी खराब करते है, टेक्नोलॉजी हमारे काम को आसान बनाने के उपयोग में होना चाहिए, न की हमारे स्वास्थ और रिश्ता को कमजोर बनाने के लिए, जीवन एक बार मिलती है, तो क्यों न हम इसे खुलकर और खुशी के साथ जीए, और अगर हम ही खुश नहीं रहेंगे, मेंटली प्रोब्लम के साथ रहे, तो हम दूसरे को कैसे खुश रख सकते है। हमारी इस आर्टिकल www.jayatanti.com के माध्यम से एक छोटी सी कोशिश है, की स्वस्थ रहो, खुश रहो, और टेक्नोलॉजी को बस हमारे मुश्किल कामों को आसान बनाने के सीमित समय के लिए ही उपयोग करे।

My name is Jaya Tanti and for the Last few days I have been doing Blogging and Content Writing work on my website. Friends, on this blog you will get all types of information related to health, beauty, fitness, poetry, entertainment, and life improvement.

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