माता-पिता बनना प्यार, कठिनाइयों और घटनाओं को प्रभावित करने की कई संभावनाओं से भरी यात्रा है। लेकिन कभी-कभी, वे अपने बच्चों को सर्वोत्तम सुविधाएं प्रदान करने के प्रयास में अनजाने में उन्हें बिगाड़ सकते हैं। यहां कुछ तरीके दिए गए हैं जिनसे माता-पिता अनजाने में अपने बच्चों को बिगाड़ सकते हैं, बुरे व्यवहार को प्रोत्साहित करने से लेकर गलती से उनकी प्रेरणा कम करने तक। जब माता-पिता अपने बच्चों की भावनाओ को नजर अंदाज करते है ,या उनके गुस्से पर कठोर प्रतिक्रिया करते है, तो बच्चे के मन मे बुरा असर परत है।
इन संकेतों पर खासकर ध्यान जरुर दे : –
Mistakes that can make irresponsible child : –
(1) सख्ती ना बरतना-Not Being Strict : –
बच्चों के साथ थोड़ा सख्ती से पेशआना भी जरूरी होता है। अगर आप हमेशा उनके दोस्त बने रहेंगे या फिर उनके साथ अच्छा रिश्ता ही रखेंगे तो वे बिगड़ सकते हैं। कई बार तो वे आपकी इज्जत करना भी बंद कर देंगे। इसलिए बच्चों के साथ सख्ती बरतें। उन्हें गलतियों पर डांटें और सख्ती से समझाएं कि आगे वे ऐसी गलती फिर ना करें।
(2) बच्चो को मोबाइल इस्तमाल करने की छूट देना : –
आजकल जन्म के कुछ माह बाद से ही बच्चों के हाथ में मोबाइल थमा दिया जाता है। कई माता-पिता की सोच होती है कि इससे बच्चा शांत रहता है. इसलिए उन्हें फोन देना सही है, लेकिन आपकी इस आदत या गलती के कारण आपका बच्चा बिगड़ सकता है।
इतनी सी उम्र से ही अगर आप बच्चों को फोन की आदत डलवाते हैं तो सोचिए आगे उनकी क्या स्थिति होगी. सीधे तौर पर गए तो फोन से बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास रूक सकता है, मोबाइल बच्चे को सोचने समझने की शक्ति खतम कर देती है। माता पिता सोचते है मेरे बच्चे एक जगह बैठा कोई मस्ती नही कर रहा।
(3) बच्चे के सामने गलत व्यवहार का बखान करना : –
माता-पिता जब बच्चे के सामने गलत व्यवहार का बखान करते हैं, अपने पैसों की धौंस किसी गरीब पर जमाते हैं, किसी का अपमान करते हैं और झूठ बोलते हैं तो बच्चा भी यह गुण अपने पैरेंट्स से सीखने में देर नहीं लगाता , फिर वही बच्चा दूसरे के साथ गलत तरह से बात करते किसी सम्मान नहीं करते , घर पे अगर माता पिता गाली का उपयोग करते या लड़ाई करते वही बच्चे भी सीखते और वैसा ही बर्ताव करते दूसरे के साथ ।
(4) अपने बच्चो की तुलना दूसरे बच्चे के साथ कभी न करें : –
अपने बच्चों की तुलना कभी भी दूसरों के बच्चों से न करें। अगर आप ऐसा करते हैं, तो आप अपने बच्चों का आत्मविश्वास कम करते हैं। हर बच्चा एक-दूसरे से अलग होता है, उसके सोचने की शक्ति, समझने की शक्ति, पढ़ने का तरीका आदि।
सभी कुछ अलग होता है इसलिए कभी भी तुलना करने की जगह उन्हें सिखाएं। अगर गलत हो तो समझाए या कुछ अच्छा हो तो शाबाशी दी , हर बच्चे में अपनी अपनी टैलेंट छुपा होता , तो माता पिता ये काम कभी न करें , अगर आप अपने बच्चे की तारीफ करोगे तो वे उस काम को और लगन के साथ करेंगे , ताकि उनको और तारीफ मिले।
(5) बच्चों को मारे नही : –
कई बार माता-पिता बच्चों पर इतना गुस्सा कर बैठते हैं कि वो खुद ही भूल जाते हैं कि जिन्हें आप डांट रहे हैं, वो आपके बच्चे हैं। ऐसे में कई माता-पिता तो बच्चों को कुछ ऐसा बोल पड़ते हैं, जिससे बच्चे पर गलत असर पड़ सकता है।
इसी में से एक है कि काश तुम हमारे बच्चे न होते या भगवान हमें तुम्हारा जैसा बच्चा न देता आदि। पर ध्यान दें कि गलती से भी बच्चे को ऐसा न बोलें , बच्चो को जितना हो सके समझाने का प्रयत्न करे, बच्चे प्यार की भाषा जल्दी समझते है , मारने से या डाटने से उनपर बुरा असर परता है।
कभी कभी कोई बच्चे को आदत हो जाती मार खाने की तो कोई बच्चे के दिमाग में घुस जाता है की मेरे पेरेंट्स मुझे प्यार नही करते। तो हो सके जितना प्यार से हैंडल करे बच्चो को।
अपने बच्चे को कैसे सुधारे ?
माता पिता अपने बच्चे के व्यवहार के लिए उतने ही जिम्मेदार होते हैं जितना बच्चा होता है। अगर माता पिता अपने बच्चे को सुधारना चाहते हैं तो उसके लिए एक बाउंड्री सेट करें। जब आप अपने बच्चे पर रोक टोक लगाना शुरू कर देंगे तो वो अनुशासित बनेंगे।
उनके सामने एक अच्छा माहौल बनाएं जिससे वे आपसे अच्छी बाते सीखें। बच्चे अपने आस पास के माहौल से बहुत कुछ सीखते हैं. उनपर आस पास की बातों का काफी असर चाहोगे वैसा ही ढालोगे , थोड़ा नरमी थोड़ा गर्मी के साथ बच्चो को हैंडल करे।
हर टाइम बच्चो पे सवार न रहे पढ़ने के लिए उनको थोड़ा खुद को भी सोचने , खेलने , खुश रहने का मौका दीजिए। थोड़ा फ्रीडम दीजिए। अगर उनका गलती हो तो उसपर सजा देकर उनको समझाइए की उनका क्या गलती थी और क्यों उनको सजा मिली। खुद के और बच्चो के बीच प्यार का बाउंड्री बांधिए।
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