Mental Health – डिप्रेशन की लक्षण क्या है, और इससे कैसे छुटकारा पा सकते है।

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Mental Health: (डिप्रेशन) – आजकल लगभग अधिकतर लोग टेंशन, परेशानी से जूझ रहे है, उसका तनाव व्यक्ति के मन पर पहुंच रहा है, यह हमारे मन से संबंधी रोग होता है। हमारी मनस्थिति एवं बाहरी परिस्थिति के बीज असंतुलन एवं सामंजस्य न बनने के कारण तनाव उत्पन्न होता है। इसी तनाव के कारण व्यक्ति में अनेक प्रकार के शंकाए उत्पन्न हो रही है, वे हमेशा अशांत और अकेला रहना पसंद करने लगे है। तनाव एक द्वंद की तरह है जो व्यक्ति के मन एवं भावनाओं में अस्थिरता पैदा करता है। मन में अगर टेंशन हो तो व्यक्ति को किसी भी काम में कोई रुचि नहीं होती, जिससे उसकी कार्यक्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। परन्तु यह यदि हमारे भावनात्मक और शारीरिक जीवन का हिस्सा बन जाए तो खतरनाक साबित हो सकता है। इसी विषय में आज हम सबकी की वेबसाइट www.jayatanti.com के मध्यम से डिप्रेशन के लक्षण क्या है, और इसके बारे में कुछ जानकारी बताने जा रही हूं । तो आईए जानते है।

डिप्रेशन के लक्षण क्या है
डिप्रेशन क्या है, इसका लक्षण और इससे कैसे बचा जा सकता है। आइए जानते है।

 

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What is deprassion: डिप्रेशन क्या है – 

डिप्रेशन एक प्रकार के मानसिक स्वास्थ्य की समस्या है, जो व्यक्ति के उदासी और निराशा से मन में असहायता और अकेलापन की भावना हमेशा उत्पन्न होती रहती है। व्यक्ति खुद को हमेशा अकेला महसूस करता है, और अकेला रहना भी पसंद करता है। किसी भी चीज में मैन नही लगना। हमेशा चिरचिरापन सा लगना, खुद को हमेशा काम समझना, अपने खाने, पीने, सोने या कोई भी काम समय पर नहीं करना, खाने का भी मन नहीं करता है किसी किसी को, तो कोई रात रातभर नही सो पाता तनाव के कारण, हमेशा निगेटिव खयाल मन में आते रहना। डिप्रेशन एक बहुत ही बुरी बीमारी होती जो व्यक्ति को आगे बढ़ने नही देता। कभी कभी तो डिप्रेशन के कारण लोग आत्महत्या तक कर लेते है। अगर डिप्रेशन में कोई दिल से साथ देने वाला समझने वाला मिल जाए तो वो जल्दी ही इस बिमारी से छुटकारा पा सकता है। लेकिन डिप्रेशन में कुछ ऐसा स्वभाव हो जाता है व्यक्ति का की उसे समझने के बजाय उससे दूर रहना सब पसन्द करने लगते है। उसका डिप्रेशन में आकर चिल्लाना, चिरचिरापन आना, गुस्सा करना, सबको दिखता लेकिन कोई ये नही देखता ऐसा हो क्यों रहा है। डिप्रेशन कभी काम नही मिलने के कारण पुरुषों को हो जाती है, तो कही महिलाओं को हमेशा दुत्कारे जाने, हमेशा उनपर मेंटली टॉर्चर करने से होती है। तो कही प्यार के नाम पर खिलवाड़ कर के रिश्ता खत्म करने पर डिप्रेशन में लोग चले जाते है, ऐसे तो डिप्रेशन में होने के बहुत से रीजन है। अलग अलग व्यक्ति का अपना अलग समस्या के कारण डेरेशन जैसे बीमारी का शिकार हो जाते। लेकिन इससे आप चाओगे तो आसानी से निकल सकते हो अगर मन में कुछ पक्का निश्चित कर लोगे तो ।

डिप्रेशन के लक्षण क्या हैं।
डिप्रेशन के लक्षण क्या है  –

 

Symptoms of depression – डिप्रेशन के लक्षण क्या है : –

डिप्रेशन के कुछ सामान्य लक्षण हैं:

1. उदासी और निराशा – व्यक्ति को उदास और निराश महसूस होता है, और उन्हें लगता है कि उनके जीवन में कुछ भी अच्छा नहीं है, हमेशा खुद को अकेलापन महसूस करते है, और हमेशा दिमाग में खुद को नुकसान पहुंचाने की बात या खुद को मारने की बात चलती रहती है।

2. रुचि और आनंद की कमी – व्यक्ति को उन चीजों में रुचि नहीं रहती है जिनमें उन्हें पहले आनंद आता था, किसी भी काम में दिल नहीं लगना, खुद को हमेशा अकेला रखना, हमेशा गुस्सा और चिरचिरापन आना।

3. थकान और ऊर्जा की कमी – हमेशा व्यक्ति को थकान और ऊर्जा की कमी महसूस होती है, और उन्हें लगता है कि वे कुछ भी नहीं कर सकते हैं, हमेशा अपना अलग दुनिया में खोए रहना, किसी से बात नही करने को में करना ।

4. नींद की समस्याएं – हमेशा व्यक्ति को नींद की समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि नींद न आना या ज्यादा नींद आना, रात को सोने समय भी जगे रहकर एक ही बात को सोचते जाना, 

5. भूख में बदलाव – हमेशा व्यक्ति को भूख में बदलाव हो सकता है, जैसे कि ज्यादा भूख लगना या कम भूख लगना, जैसे तो अधिकतर को इसमें भूख ही नही लगता, वे हमेशा सब चीज से दूर रहना पसंद करते है। खाना में कुछ भी अच्छा नही लगता, खाना भी बेस्वाद लगना ।

6. ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई – हमेशा व्यक्ति को ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई हो सकती है, और उन्हें लगता है कि वे कुछ भी नहीं सोच सकते हैं, कुछ याद करने जाए या कुछ करने को सोचो तो किसी भी चीज में मैन नही लगना।

7. आत्महत्या के विचार – हमेशा व्यक्ति को आत्महत्या के विचार आ सकते हैं, और उन्हें लगता है कि वे अपने जीवन को समाप्त करना चाहते हैं, उन्हें हमेशा बार बार ख्याल आता की मैं न दूसरे को खुशी दे पाता और न ही खुद खुश रहती, और मेरे जीवन में कुछ भी अच्छा नही हो रहा उसे हमेशा लगता अपने आप को खतम करने की कोशिश करते रहता है।

Mantal Health: डिप्रेशन के लक्षण क्या है -
डिप्रेशन के दुष्प्रभाव से क्या होता है –

 

Side effects of depression: डिप्रेशन होने के दुष्प्रभाव – 

डिप्रेशन एक मानसिक रोग है जो लम्बे समय तक रह सकती है, अगर इसका समय पर इलाज नहीं करवाया तो बहुत खतरनाक हो सकता है हमारे स्वास्थ्य के लिए। डिप्रेशन में इंसान अंदर से टूट जाता है। उसे बाहरी दुनिया से कोई मतलब नहीं होता, वो खुद को अकेला फील करता है। कभी खुद को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता है, तो तो कभी खुद की जान तक ले लेते है इस बीमारी में। कभी डिप्रेशन का इतना खतरनाक स्टेज पर पहुंच जाते हैं इससे बाहरी लोगों को भी नुकसान पहुंचाते हैं। डिप्रेशन से इंसान अंदर ही अंदर खोखला होते जाता है। शरीर, दिमाग, मन कुछ भी अपने कंट्रोल में नही होता। डिप्रेशन से ऐसा लगता है क्या आप अंदर ही अंदर टूट रहे हो और पागल जैसा फील कर रहे हो। डिप्रेशन के दुष्प्रभाव से व्यक्ति के जीवन में कई नकारात्मक परिवर्तन हो सकते हैं। 

रिश्तों में समस्याएं आ सकती हैं। डिप्रेशन व्यक्ति के रिश्तों को प्रभावित कर सकता है, जिससे परिवार और मित्रों के साथ समस्याएं हो सकती हैं।

डिप्रेशन व्यक्ति की काम करने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है, जिससे काम में कमी आ सकती है।

डिप्रेशन से व्यक्ति को नींद की समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि नींद न आना या ज्यादा नींद आना। अगर नींद आए तो सपना भी डरावना देख कर उठ जाना।

डिप्रेशन से व्यक्ति को आत्महत्या के विचार आ सकते हैं, जो एक गंभीर समस्या है।

डिप्रेशन से व्यक्ति के जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकता है, जिससे व्यक्ति को जीवन में आनंद और संतुष्टि नहीं मिलती है।

डिप्रेशन से व्यक्ति के शारीरिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकता है, जिससे विभिन्न शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं। कभी कभी तो डिप्रेशन के कारण व्यक्ति को और भी दूसरी गंभीर बीमारी पकड़ लेती है। सीधे भाषा में बोले तो अगर मन ही स्वस्थ नहीं हो तो शरीर में बहुत सी समस्याएं उत्पन्न हो जाती है।

Mental Health: डिप्रेशन के लक्षण क्या है
डिप्रेशन से बचने के उपाय क्या है –

 

Prevention tips for deprassion: डिप्रेशन से बचने के कुछ उपाय – 

खुद अकेला रहकर कभी डिप्रेशन से बचा जा सकता है, बस इसके लिए थोड़ा सा हिम्मत और आपको खुद को हौसला देना परेगा। अपनी नियमित दिनचर्या बना लो, और उस दिनचर्या को आप डेली फॉलो करो। अकेले बैठे हो तो बाहर निकल जाओ, और बाहर बैठकर खुद से सवाल करो, क्या आपके सोचने और डिप्रेशन करने से आपकी सारी समस्या ठीक हो जाएगी। नही न, तो क्यों न जिंदगी की शुरुआत एक नई दिशा और नई सुबह के साथ करनी चाहिए। इसके लिए आपको क्या क्या करनी चाहिए, आइए हम विस्तार से बताएं।

व्यायाम – 

व्यायाम करने से हमारे शरीर को बहुत से समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है, व्यायाम डिप्रेशन से बचने में मदद कर सकते हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:

1. तेज चलना – तेज चलने से डिप्रेशन को रोका जा सकता है। इसमें नियमित तेज चलना और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए काम करना शामिल है।

2. दौड़ना – दौड़ने से डिप्रेशन को रोका जा सकता है। इसमें नियमित दौड़ना और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए काम करना शामिल है।

3. साइकिल चलाना – साइकिल चलाने से डिप्रेशन को रोका जा सकता है। इसमें नियमित साइकिल चलाना और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए काम करना शामिल है।

4. योग – योग करने से डिप्रेशन को रोका जा सकता है। इसमें नियमित योग करना और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए काम करना शामिल है।

5. तैराकी – तैराकी करने से डिप्रेशन को रोका जा सकता है। इसमें नियमित तैराकी करना और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए काम करना शामिल है।

6. वजन उठाना – वजन उठाने से डिप्रेशन को रोका जा सकता है। इसमें नियमित वजन उठाना और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए काम करना शामिल है।

इन व्यायामों को करने से डिप्रेशन को रोका जा सकता है और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार किया जा सकत है।

मेडिटेशन – 

मेडिटेशन डिप्रेशन से बचने में बहुत मददगार हो सकता है। मेडिटेशन करने से मस्तिष्क को शांति मिलती है, नकारात्मक विचारों को कम किया जा सकता है, और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार आवश्यक हो जाएंगी।

यहां कुछ मेडिटेशन तकनीकें हैं जो डिप्रेशन से बचने में मदद कर सकती हैं – 

1. ध्यान मेडिटेशन – इसमें एक बिंदु पर ध्यान केंद्रित करना होता है, जैसे कि सांस लेना या एक मंत्र।

2. बॉडी स्कैन मेडिटेशन – इसमें शरीर के विभिन्न अंगों पर ध्यान केंद्रित करना होता है और उन्हें आराम देना होता है।

3. माइंडफुलनेस मेडिटेशन – इसमें वर्तमान पल में ध्यान केंद्रित करना होता है और नकारात्मक विचारों को नकारना होता है।

मेडिटेशन करने के लिए यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं – 

1. नियमितता – मेडिटेशन को नियमित रूप से करें, कम से कम एक बार दिन में।

2. शांत वातावरण – एक शांत और आरामदायक वातावरण में मेडिटेशन करें।

3. स्थिर बैठना – एक स्थिर और आरामदायक आसन में बैठें।

4. गहरी सांस लेना – गहरी सांस लें और अपने शरीर को आराम दें।

5. ध्यान केंद्रित करना – अपने ध्यान को एक बिंदु पर केंद्रित करें और नकारात्मक विचारों को अपने दिमाग और मन से निकाल दे।

प्राकृतिक के साथ समय बिताना – 

प्राकृतिक के साथ समय बिताने के कई तरीके हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं – 

1. पार्क या जंगल में घूमना – पार्क या जंगल में घूमने से आप प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकते हैं और ताजी हवा में सांस ले सकते हैं।

2. पेड़ों के साथ समय बिताना – पेड़ों के साथ समय बिताने से आप प्राकृतिक शांति का अनुभव कर सकते हैं और पेड़ों की सुंदरता का आनंद ले सकते हैं।

3. नदी या समुद्र के किनारे समय बिताना – नदी या समुद्र के किनारे समय बिताने से आप प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकते हैं और पानी की आवाज का आनंद ले सकते हैं।

4. बागबानी करना – बागबानी करने से आप प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकते हैं और अपने हाथों से पौधों को उगाने का आनंद ले सकते हैं।

5. पक्षियों को देखना – पक्षियों को देखने से आप प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकते हैं और पक्षियों की सुंदरता का आनंद ले सकते हैं।

6. तारों को देखना – तारों को देखने से आप प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकते हैं और आकाश की सुंदरता का आनंद ले सकते हैं।

इन तरीकों से आप प्राकृतिक के साथ समय बिता सकते हैं और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकते हैं।

पुस्तक और संगीत में रुचि बढ़ाना –

पुस्तक और संगीत में रुचि बनाने के लिए यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं – 

पुस्तकालय – 

1. विभिन्न विषयों की पुस्तकें पढ़ें – विभिन्न विषयों की पुस्तकें पढ़ने से आप अपनी रुचि को विकसित कर सकते हैं और नए विषयों के बारे में जान सकते हैं।

2. पुस्तक समूह में शामिल हों – पुस्तक समूह में शामिल होने से आप अन्य पुस्तक प्रेमियों के साथ बातचीत कर सकते हैं और नए पुस्तकों के बारे में जान सकते हैं।

3. पुस्तक समीक्षा लिखें – पुस्तक समीक्षा लिखने से आप अपने विचारों को व्यक्त कर सकते हैं और अन्य पुस्तक प्रेमियों को प्रेरित कर सकते हैं।

4. पुस्तकालय जाएं – पुस्तकालय जाने से आप नए पुस्तकों के बारे में जान सकते हैं और पुस्तकों को पढ़ने के लिए प्रेरित हो सकते हैं।

संगीत – 

संगीत को सुनकर आनंद लेने के कई तरीके हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं –

1. संगीत को ध्यान से सुनें – संगीत को ध्यान से सुनने से आप उसकी सुंदरता और भावनाओं को समझ सकते हैं।

2. संगीत के साथ गाएं – संगीत के साथ गाने से आप अपनी आवाज का आनंद ले सकते हैं और संगीत के साथ जुड़ सकते हैं।

3. संगीत को नृत्य के साथ आनंद लें – संगीत को नृत्य के साथ आनंद लेने से आप अपने शरीर को गति दे सकते हैं और संगीत के साथ जुड़ सकते हैं।

4. संगीत को आराम के लिए सुनें – संगीत को आराम के लिए सुनने से आप अपने मन को शांत कर सकते हैं और तनाव को कम कर सकते हैं।

5. संगीत को अपने दिनचर्या में शामिल करें – संगीत को अपने दिनचर्या में शामिल करने से आप अपने दिन को रंगीन बना सकते हैं और संगीत के साथ जुड़ सकते हैं।

6. संगीत को अपने मूड के अनुसार सुनें – संगीत को अपने मूड के अनुसार सुनने से आप अपने मूड को बेहतर बना सकते हैं और संगीत के साथ जुड़ सकते हैं।

इन तरीकों से आप संगीत को सुनकर आनंद ले सकते हैं और अपने जीवन को खुशनुमा बना सकते है।

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