गुस्सा आना सभी को आम बात ही लगती है। आपको कोई बात बुरी लगी या किसी का बर्ताव पसंद नहीं आया तो गुस्सा आ जाता है. आप उस वाक्य को लेकर बैठ जाते हैं. सुबह से लेकर रात तक वही बात आपके दिमाग में घूमती रहती है. आप उस व्यक्ति के बारे में दूसरों से बात करते हैं. यहां तक कि अगर कोई नहीं मिलता तो आप खुद में ही बड़बड़ाते रहते हैं। लेकिन गुस्से से सिर्फ आपका बुरा होता है।
भगवान बुद्ध की 10 उपदेश : मन को कैसे करे काबू ..?
(1) इंसान को क्रोध नहीं करना चाहिए। आपको क्रोध की सजा नहीं मिलती है बल्कि आपको क्रोध से सजा मिलती है ।
(2) हजारों लड़ाइयां जीतने से अच्छा है कि आप स्वयं पर विजय प्राप्त करो, फिर विजय हमेशा आपकी ही होगी।
(3) दुनियां में इन तीन चीजों को कभी छिपाया नहीं जा सकता है: चांद, सूरज और सत्य।
(4) सच्चाई रास्ते पर चलने वाला व्यक्ति के दो ही गलतियां कर सकता है। पहला — या तो वह पूरा रास्ता तय नहीं करता है। दूसरा — या फिर उस रास्ते पर नहीं चलेगा।
(5) मनुष्य के लिए अपने लक्ष्य को पा लेने से अच्छा है कि लक्ष्य को पाने की यात्रा अच्छी हो
(6) जीवन में अगर शांति चाहिए तो कभी भी भूतकाल और भविष्य काल में न उलझे ।
(7) जीवन का उद्देश्य सही रखें- जीवन में किसी उद्देश्य या लक्ष्य तक पहुंचने से ज्यादा महत्वपूर्ण उस यात्रा को अच्छे से संपन्न करना होता है।
(8) प्रेम का मार्ग अपनाएं- बुराई से बुराई कभी खत्म नहीं होती। घृणा को तो केवल प्रेम द्वारा ही समाप्त किया जा सकता है, यह एक अटूट सत्य है। ।
(9) हमेशा क्रोधित रहना, ठीक उसी तरह है जैसे जलते हुए कोयले को किसी दूसरे व्यक्ति पर फेंकने की इच्छा से खुद पकड़ कर रखना. यह क्रोध सबसे पहले आपको ही जलाता है.
(10) क्रोधित होकर हजारों गलत शब्द बोलने से अच्छा, मौन का वह एक शब्द है जो जीवन में शांति लाता है ।