Vat Savitri Puja 2024: वट सावित्री व्रत मे इन चीजों के बिना अधूरी है पूजा, जाने कब और कैसे मनाया जाए

WhatsApp ChannelJoin Now
Join Telegram GroupJoin Now
यह व्रत ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को रखने का विधान है। इस दिन महिलाएं व्रत रखकर सुखी दांपत्य जीवन और पारिवारिक सुख की कामना करती हैं। साल 2024 में 6 जून को वट सावित्री व्रत रखा जाएगा। इस दिन वट वृक्ष की पूजा की जाती है।

Vat Savitri Puja 2024: –

वट पूर्णिमा एक हिंदू उत्सव है जो नेपाल, उत्तर भारत, पश्चिम भारत में महिलाओं द्वारा मनाया जाता। वट  सावित्री पूजा हिंदू विवाहित स्त्री द्वारा मनाया जाता है, मना जाता है इस दिन जो विवाहित स्त्री इस व्रत को करता है , उसके पूरे जीवन हसी खुशी और सौभाग्य से भरे होते है, इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति के दीर्घ आयु के लिए और सुख समृद्धि के लिए बड़े उत्साह से इस व्रत को रखती है, इस दिन महिलाएं पूरे मन से पूरा साज श्रृंगार करती है

वट सावित्री व्रत 2024 कब और क्यों मनाया जाता है?

वट सावित्री व्रत अखंड सौभाग्य का पर्व माना जाता है, इस बार 2024 में बात सावित्री व्रत 6 जून को मनाया जायेगा। हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येस्ट मास के कृष्ण पक्ष के अमावस्या को मनाया जाता है, माना जाता है की जो स्त्री विधि विधान से इस पूजा को करती है,वो हमेशा  सौभाग्यवती होने का वरदान प्राप्त करती है। महिलाए इस दिन व्रत रखकर वट वृक्ष की पूजा करती है, और वट वृक्ष की पूजा कर के अपने पति का पूजा करती है, और अपने पति की लम्बी उम्र के लिए प्रार्थना करती है , की जैसे वट वृक्ष विशाल और युगों तक जिंदा रहते है उसी तरह उनके पति की आयु भी लंबी हो और वो हमेशा तरक्की की ओर बढ़ते हमेशा बढ़ती रहे।
 
हमारे पुरोहित संतोष पाठक  ने बताया कि वट सावित्री की पूजा से महिलाए को सदा सुहागिन रहने का आशीर्वाद मिलता है। हर एक सुहागिन महिलाएं को ये व्रत अवश्य करना चाहिए। पंचांग के अनुसार इस साल ज्येष्ठ अमावस्या तिथि 5 जून शाम 7 बजकर  54 मिनट पर शुरू होगी। इसका संपन्न 6 जून शाम 6 बजकर 7 मिनट पर होगा। पूजा का मुहूर्त प्रातः 11 बजकर 52 मिनट से लेकर 12 बजकर 48 मिनट तक है।

वट सावित्री पूजा 2024 की विधि : –

  • सबसे पहले सुहागिन महिलाएं ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें।  
  • स्नान के बाद लाल रंग की साड़ी पहनें और श्रृंगार करें।  
  • इसके बाद, वटवृक्ष यानी बरगद के पेड़ के नीचे साफ-सफाई कर व्रत का संकल्प ले, ओर गंगाजल का छिड़काव करें।
  • उसके बाद धूप और अगरबत्ती जलाएं और वट वृक्ष के चारों तरफ सात बार कच्चा धागा लपेटें और उसकी परिक्रमा करें। 
  • इसके बाद, वट सावित्री व्रत का कथा सुनें और अपनी सास से आशीर्वाद लें। ऐसा करने से पति को दीर्घायु मिलती है।  
  • पूजा करने के बाद जो भी फल,फूल,अनाज और कपड़ा है उसको एक टोकरी में रख कर किसी ब्राह्मण को दान करना चाहिए। 
मान्यता है कि ऐसा करने से दांपत्य जीवन में सुख-समृद्धि होती है।
 

पूजा की सामग्री : –

  • बांस का पंखा
  • कलावा या सफेद सूत (हल्दी में रंगा हुआ)
  • मौसमी फल जैसे आम, लीची,तरबूज
  • फूल (लाल या पीला) और फूलों की माला
  • वट वृक्ष की डाल
  • भीगा हुआ काला चना
  • अक्षत
  • धूप बत्ती
  • पान
  • सुपारी
  • गंगाजल
  • पवित्र जल
  • केला का पत्ता
  • नए वस्त्र (लाल, पीला)
  • मिट्टी का घड़ा
  • दीप बाती
  • देसी घी
  • तांबे के लोटे में गंगाजल मिला जल
  • सिंदूर
  • रोली
  • हल्दी
  • मिठाई

वट सावित्री पूजा वाला यह पोस्ट कैसा लगा आपको यह जानकारी कमेन्ट मे हमे जरूर बताए ऐसे ही ओर जानकारी पाने के लिए हमारे सभी ग्रुप को आप जॉइन जरूर कीजिए, साथ ही हमारे इन सभी पोस्ट मे या पोस्ट के जानकारी मे कुछ बदलाव करना है, या नहीं करना आप हमे जरूर बताए जिससे हम आपको ओर साफ सुथरा – सटीक जानकारी दे सके धन्यवाद हमारे साथ जुडने के लिए

My name is Jaya Tanti and for the last few days I have been doing blogging and content writing work on my website. Friends, on this blog you will get all types of information related to health, beauty, fitness, poetry, entertainment, and life improvement.

Leave a Comment