Vat Savitri Puja 2024: –
वट पूर्णिमा एक हिंदू उत्सव है जो नेपाल, उत्तर भारत, पश्चिम भारत में महिलाओं द्वारा मनाया जाता। वट सावित्री पूजा हिंदू विवाहित स्त्री द्वारा मनाया जाता है, मना जाता है इस दिन जो विवाहित स्त्री इस व्रत को करता है , उसके पूरे जीवन हसी खुशी और सौभाग्य से भरे होते है, इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति के दीर्घ आयु के लिए और सुख समृद्धि के लिए बड़े उत्साह से इस व्रत को रखती है, इस दिन महिलाएं पूरे मन से पूरा साज श्रृंगार करती है।
वट सावित्री व्रत 2024 कब और क्यों मनाया जाता है?
वट सावित्री पूजा 2024 की विधि : –
- सबसे पहले सुहागिन महिलाएं ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें।
- स्नान के बाद लाल रंग की साड़ी पहनें और श्रृंगार करें।
- इसके बाद, वटवृक्ष यानी बरगद के पेड़ के नीचे साफ-सफाई कर व्रत का संकल्प ले, ओर गंगाजल का छिड़काव करें।
- उसके बाद धूप और अगरबत्ती जलाएं और वट वृक्ष के चारों तरफ सात बार कच्चा धागा लपेटें और उसकी परिक्रमा करें।
- इसके बाद, वट सावित्री व्रत का कथा सुनें और अपनी सास से आशीर्वाद लें। ऐसा करने से पति को दीर्घायु मिलती है।
- पूजा करने के बाद जो भी फल,फूल,अनाज और कपड़ा है उसको एक टोकरी में रख कर किसी ब्राह्मण को दान करना चाहिए।
पूजा की सामग्री : –
- बांस का पंखा
- कलावा या सफेद सूत (हल्दी में रंगा हुआ)
- मौसमी फल जैसे आम, लीची,तरबूज
- फूल (लाल या पीला) और फूलों की माला
- वट वृक्ष की डाल
- भीगा हुआ काला चना
- अक्षत
- धूप बत्ती
- पान
- सुपारी
- गंगाजल
- पवित्र जल
- केला का पत्ता
- नए वस्त्र (लाल, पीला)
- मिट्टी का घड़ा
- दीप बाती
- देसी घी
- तांबे के लोटे में गंगाजल मिला जल
- सिंदूर
- रोली
- हल्दी
- मिठाई
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